Friday, April 13, 2018

जी ,मैं कहानियां सुनना चाहता हूँ

अरे  सुने  ,तुम क्या करना चाहते हो 
जी ,मैं  कहानियां  सुनना  चाहता हूँ 

मै  अपनी एक  दुनिया बसना  चाहता  हूँ 
आसमानों  के परे ,बादलों में अपना जँहा  बनाना  चाहता  हूँ 

मैं  दिलों में छुपे जज़्बात  बताना  चाहता  हूँ 
जी ,हाँ मैं कहानीयाँ  सुनना  चाहता हूँ

राजा - रानी  या परियों  की कहानियां नहीं 
अपने जज़्बात  बताना  चाहता हूँ 
जी हाँ मैं  कहानियां  सुनना  चाहता  हूँ 

खोज ली मैंने तुम्हारी भीड़ में  भी  अपनी  आज़ादी 
बस  ये  बताना  चाहता  हूँ 

मैं  इंजीनियर  नहीं  बन सकता 
डॉक्टरी  भी  नहीं पढ़ सकता 
मुझे  आर्ट है पसंद  ,मैं आर्टिस्ट  बनाना चाहता  हूँ 
डैड,मैं आपको  यह बताना  चाहता  हूँ 
जी ,मैं तो बस कहानियां  सुनना  चाहता  हूँ 

तुम्हारी  हर  बात  जो  तुमने मुझे 
मेरी  नाकामयाबियों पे कही 
जो  तुम मेरी कोशिशों  पर हसे 
वो  सब बताना  चाहता हूँ 
हाँ  मैं तुम्हे  कहानियाँ  सुनना  चाहता  हूँ 


हाँ  मैं  बेढंगी  ही  सही 
थोड़ा  ज्यादा बोलता  हूँ 
चुप  करने  बोलोगे  ,फिर  भी मैं  बोलूंगा 
क्यूंकि  अब मैं  छुपता नहीं ,हकलाता  नहीं 
अपने  जज़्बातों  को दबाता  नहीं 
बस तुम्हे यही बताना चाहत  हूँ 

हाँ में कहानियां  सुनना  चाहता हूँ। 
                                                                                  - विशाल रंजन

  

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