पिता ऊँगली पकडे बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खरा कभी संसार में सबसे प्यारा है
पिता से पालन है पोसण है परिवार का अनुसासन है
पिता प्रेम का प्रसासन है
पिता से रोटी है कपडा है मकान है
पिता अपने बच्चे का मान है अभिमान है
पिता अपने छोटे से बच्चे का विशाल आसमान है
पिता बिन जीवन अनाथ है
पिता संग सभी खिलौने अपने है
पिता का हरदम ऊँचा नाम करो
कद कैसा भी हो उनका
उनपर नाज़ करो अभिमान करो
कवि - विशाल रंजन
No comments:
Post a Comment